चार दिवसीय शीतकालीन सत्र 14 दिसंबर से, नए विधानसभा भवन में होगा पहला सत्र

रायपुर । छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र 14 दिसंबर से 17 दिसंबर तक चार दिनों के लिए आयोजित किया जाएगा। इस बार की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सत्र नवनिर्मित आधुनिक विधानसभा भवन में आयोजित होगा, जहां अत्याधुनिक तकनीक और आधुनिक संसदीय सुविधाएं उपलब्ध हैं। सत्र की अधिसूचना जारी होने के बाद अब विधानसभा से लेकर विभागीय स्तर तक तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

पहले ही दिन “विकसित भारत 2047” पर विशेष विमर्श

सत्र के पहले दिन राज्य और देश के दीर्घकालिक विकास लक्ष्य पर आधारित “विकसित भारत 2047” विषय पर विशेष चर्चा होगी। इस विमर्श में आर्थिक सुधार, शिक्षा नीति, डिजिटल प्रशासन, आधारभूत संरचना, सामाजिक सुरक्षा और जनकल्याण मॉडल जैसे क्षेत्रों पर भविष्य की रणनीतियाँ प्रस्तुत किए जाने की संभावना है।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि यह सत्र राज्य की विकास-यात्रा को नई दिशा देने का काम करेगा और लोकतांत्रिक संवाद को और मजबूत बनाएगा।

सदन में गरमाहट बढ़ाएंगे राजनीतिक मुद्दे

सत्र के दौरान राजनीतिक बहसें भी तेज होने की उम्मीद है। वरिष्ठ विधायक अजय चंद्राकर ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की योजनाओं पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उनकी सोच में संभावनाएं थीं, लेकिन नीतिगत अनुमोदन और बजट प्रबंधन की कमजोरी के कारण कई योजनाएँ सफल नहीं हो सकीं। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा, “आपकी सोच में आग तो थी, लेकिन योजनाएं भ्रष्टाचार में झुलस गईं।”

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह सत्र विकास बनाम पूर्व शासन की कार्यप्रणाली को लेकर तीखे सवाल-जवाब का मंच बन सकता है।

25 वर्षों की संसदीय यात्रा पर विशेष सत्र

शीतकालीन सत्र से पहले पुराने विधानसभा भवन में सिल्वर जुबली विशेष सत्र आयोजित किया गया। इसमें छत्तीसगढ़ विधानसभा की 25 वर्षों की संसदीय यात्रा, जनप्रतिनिधियों के अनुभव, ऐतिहासिक निर्णयों और उपलब्धियों पर विस्तार से चर्चा हुई। इस अवसर पर सदस्यों का समूह फोटो भी लिया गया, जिसे छत्तीसगढ़ की संसदीय धरोहर के रूप में आधिकारिक रिकॉर्ड में शामिल किया जाएगा।

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